Dev uthani ekadashi katha in hindi
आज हम जानेगे की देवउठनी एकादशी के दिन हम बहुत सरल तरीके से तुलसी माता का पूजन कैसे करेंगे देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी मैया का पूजन करने से घर में अन्न धन की बरकत होती है,
सौभाग्य की प्राप्ति होती है इसलिए इस दिन तुलसी मैया का पूजन जरूर जरूर करना चाहिए। तो देखिये देवउठनी एकादशी के दिन सुबह सुबह स्नान आदि करने के बाद जो अपनी तुलसीजी है, उसके गमले के नीचे आप अच्छे से साफ सफाई कर लें।आप चाहें तो गेरू मिट्टी से लीप सकते हैं या आप चाहें तो आप अच्छे से इसको पानी से और अच्छे से आप साफ कर लीजियेगा।
साफ करने के बाद यहाँ पर आप चौक बना सकते हैं, रंगोली बना सकते हैं। अगर आपको कुछ भी ना आये तो सिर्फ आप स्वस्तिक बना ली जियेगा तो यहाँ पर मैं आटे से स्वस्तिक बना आटे या हल्दी से हम स्वस्तिक बना लेंगे
Devuthni ekadashi per Tulsi Pujan kaise karen
और देखिये अगर आप लड्डू गोपाल जी की सेवा करते हैं अगर आपके पास लड्डूगोपालजी है तो देवउठनी एकादशी के दिन जब आप तुलसी जी का पूजन करें तो लड्डू गोपालजी को भी स्नान कराके सुन्दर सा श्रृंगार करके यही पर आप विराजमान कराले
और अगर लड्डू गोपाल जी नहीं है तो सिर्फ आप तुलसी जी का पूजन कर सकते हैं।अगर सालिगरामजी है तो सालिगराम जी को विराजमान कर सकते हैं। आप देखिये पूजन के लिए मैंने हल्दी ले ली है, थोड़ी रोली मैंने ली है, घी का दीपक लिया है, धूप मैंने ले लिया है, हमें तिल लेने है, सफेद तिल मैंने ले लिए है भोग के लिए मैंने यहाँ पर गुड़ और केले ले लिए हैं। कोई भी फल आप ले सकते हैं थोड़े से फूल मैंने ले लिए हैं
इसके साथ ही तुलसी माता के लिए मैंने सिंघार का सामान लिया है, साड़ी ली है विष्णु भगवान के लिए मैंने पैंट शर्ट का जोड़ा लिया है। कोई भी कपड़े आप ले सकते हैं। अगर आपके पास साड़ी सूट नहीं है तो जो लाल चुनरी आती है ना माता रानी की वो आप ले सकते है।
तुलसी जी के लिए कोई भी कपड़ा आप जरूर ले लेंगे संभव है, हम तुलसीजी के लिए कपड़े ले लेंगे उसके बाद सबसे पहले हम घी का दीपक जलायेगे। आप घी का दीपक जला सकते हैं या तिल के तेल का दीपक भी आप जला सकते हैं। फिर हम तुलसी माता को चुनरी उठाएंगे |
तो देखिये देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी मैया का विवाह कराया जाता है, इसलिए तुलसी मैया का श्रृंगार इस दिन हम जरूर करते हैं तो अगर आप विवाह नहीं भी करा रहे हैं, सिंपल पूजन कर रहे हैं तो भी आप तुलसीजी को चुनरी जरूर उठाये, उसके बाद हल्दी रोली जरूर लगाते हैं इस दिन तुलसी जी को तो पहले हम हल्दी लड्डू गोपाल जी को लगा देंगे |
उसके बाद तुलसीजी को फिर हमे तुलसी जी को मेहंदी लगाएंगे। तो यहाँ पर थोड़ी सी कीप में से मेहंदी ले लेंगे आप पाउडर वाली मेहंदी भी ले सकते हैं। लड्डू गोपाल जी को लगा देंगे। उसके बाद हम तुलसी जी को मेहंदी लगा देंगे |
देखिये चाहे आप विवाह बेशक नहीं कर रहे हो लेकिन देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी जी का श्रृंगार जरूर करते हैं।फिर हम तुलसी जी को लड्डू गोपालजी को रोली का तिलक कर देंगे और एकादशी का दिन है तो चावल हमें पूजा में बिल्कुल भी यूज़ नहीं करने हैं।चावल की जगह हमें तिल यूज़ करने है तो तिलक लगाने के बाद फिर हम तिल समर्पित करेंगे जो आपने दिया जलाया है।
दिए में भी आप तिल समर्पित करें। दिये को भी आप तिलक जरूर करें, क्योंकि दिए का भी पूजन किया जाता है। उसके बाद चूड़ियां हम अपनी तुलसीजी को पहना देंगे तो जो भी चूड़ियां आपके पास है, नई चूड़ियां हमें लेनी है, तुलसी जी को हम चूड़ियां पहना देंगे और जो भी आपने सिंघार का सामान लिया है |
और जो तुलसीजी के कपड़े लिए है, वो तुलसीजी को समर्पित करेंगे।तुलसीजी को स्पर्श कराके ये हम तुलसी जी के पास ही रख देंगे और जैसा कि मैंने आपको बताया अगर आप तुलसीजी के लिए साड़ी और पैंट शर्ट का जोड़ा वगैरह ज्यादा चीजे नहीं ले सकते तो सिर्फ जो माता रानी की लाल चुनरी आती है वो आप समर्पित कर दीजिए, उतना भी काफी है।
तो यथा संभव हम ये दान दक्षिणा रखेंगे उसके बाद हम फूल समर्पित करेंगे। तुलसीजी को हम फूलसमर्पित कर देंगे। फिर हम भोग समर्पित करेंगे तो भोग में हमें अन्न का भोग नहीं लगाना है। फलाहार भोग लगाना है तो उसके लिए मैंने यहाँ पर गुड़ समर्पित कर दिया है। थोड़ा सा गुड़ हम गमले में डालेंगे, ज्यादा नहीं नहीं तो चीटियां आ जाएगी तो गुड़ मैंने यहाँ पर समर्पित कर दिया है।
Dev uthani ekadashi katha in hindi 2023
साथ ही हम सीताफल समर्पित करेंगे। कोई भी फल आप समर्पित कर सकते हैं। मैंने यहाँ पर केले लिए है तो केले का फल में समर्पित कर दूंगी।उसके साथ ही दक्षिणा हमें जरूर समर्पित करनी है। यथासंभव आप दक्षिणा समर्पित कर दीजियेगा। इसके बाद फिर हम धूप दीप दिखाएंगे। यहाँ पर तुलसी जी को लड्डू गोपाल जी को हम धूप दिखा देंगे।
फिर अगर आपने देवउठनी एकादशी का व्रत किया है तो व्रत किया है तो यहीं पर एक लौटा जल लेकर यहीं पर हम देवउठनी एकादशी की व्रत कथा सुन लेंगे और कथा सुनने के लिए हाथ में आप तिल ले लीजियेगा, थोड़े से फूल ले लीजियेगा। कथा कभी भी खाली हाथ नहीं सुनते हैं तो तिल और फूल लेकर हम कथा सुन लेंगे।
देवउठनी एकादशी की कथा सुनने के बाद जो हमने हाथ में फूल और तिल लिए है, ये हम तुलसी मैया को समर्पित कर देंगे। इस तरह से हमारी कथा हो जाएगी। उसके बाद फिर हमें आरती करनी है तो बहुत ही प्रेमपूर्वक।
यहाँ पर हम तुलसी जी की आरती करेंगे। तुलसी महारानी नमो नमो हर की पटरानी नमो नमो तुलसी महारानी नमो नमो। हम तो ये वाली आरती करते हैं आप जो भी आरती करते हो वो तुलसी जी की आरती आप कर के तुलसी जी की आरती करने के बाद हाथ जोड़कर पूजा में रही। कमियों के लिए हम छमा याचना करेंगे और अपनी मनोकामनाओं को पूर्ण करने के लिए अपने घर में अन्न धन की बरकत के लिए अपने अटल सुहाग के लिए तुलसी माता से प्रार्थना करेंगे।
dev uthani ekadashi puja vidhi
हम तुलसी मैया की परिक्रमा करेंगे तो 5,7,9,11 जितनी हो सके उतनी परिक्रमा तुलसीजी की कीजियेगा। परिक्रमा करने के बाद हमारी पूजा पूर्ण हो जाएगी तो बहुत ही सरल तरीके से इस तरह से हम तुलसी मैया का पूजन करते हैं।
देवउठनी एकादशी के दिन और सुबह के समय ही हमें ये पूजन कर लेना है और पूजा करने के बाद देखिये जो भी हमने यहाँ पर भोग प्रसाद चढ़ाया है वो घर में सभी सदस्यों को प्रसाद के रूप में बांट सकते हैं। इसके साथ ही जो जल का लोटा हमने लिया है, कथा सुनने के लिए ये जल आप सूर्य देवता को आरक्षण दे सकते हैं और जो भी हमने दान दक्षिणा, कपड़े या जो भी आपने चढ़ाया है शृंगार का सामान और कपड़े वो आप किसी भी लड़की की शादी में कन्यादान के रूप में दान कर सकते हैं। dev uthani ekadashi katha in hindi
यानी किसी भी गरीब लड़की को आप ये दे सकते हैं फ्रेंड्स देवउठनी एकादशी के दिन बहुत सरल तरीके से आप तुलसी जी का पूजन कर सकते हैं। तुलसी जी का पूजन करने से अखंड सुहाग की प्राप्ति होती है और देवउठनी एकादशी का दिन तो तुलसीजी के लिए बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। तो इस दिन आप तुलसी जी का पूजन जरूर जरूर करें |