Animal movie review in hindi: ऐनिमल ने मचाया कोहराम

Animal movie review in hindi: ऐनिमल ने मचाया कोहराम

animal movie review in hindi language
animal movie review in hindi language

Animal movie review in hindi

18 महीने यानी डेढ़ साल जीस फ़िल्म को लिखने में लग गए। 100 दिन जीस फ़िल्म की शूट के लिए लग गए 4.5 महीने जीस फ़िल्म के सिर्फ एडिटिंग के लिए लग गए वो फ़िल्म यानी कि संदीप रेड्डी वांगा की डायरेक्ट की हुईं बॉलीवुड की मोस्ट अवेटेड वाइलेन्ट मूवी ऐनिमल आ चुकी है थिएटर्स में |

और सभी थिएटर्स और मिनीप्लेक्स हाउसफुल है । क्योंकि ऐनिमल का ट्रेलर ड्रॉप होने के बाद अचानक से फ़िल्म की हाइप आसमान को छूने लग गयी। सबको पता है की मूवी 3.5 घंटे की है और मोटा मोटा 4 घंटे। हमें थिएटर में ही रुकना है फिर भी मूवी लवर्स रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। थियेटर्स हाउसफुल चल रहे है। लेकिन शोर्ट में बताऊँ तो इस मूवी कि कहानी फोकस करती हैं बाप बेटे के रिश्ते पर एक बेटा अपने पापा को बचपन से फॉलो करते आ रहा है और पापा की हर बात मानते आ रहा है।

बट उसके पापा अपने रोज़ के काम की वजह से कभी भी उस पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। इस मूवी की सिंपल सी स्टोरी है | सोचो के इस सिंपल से स्टोरी को किस लेवल का हाइट देकर मार्केट में उतारा है संदीप रेड्डी ने | फ़िल्म में स्टोरी से ज्यादा इस स्टोरी में जो मेन कैरक्टर्स है उनका परफॉरमेंस ही इस पूरे फ़िल्म की जान है। चाहे वो छोटे से छोटा कैरक्टर क्यों ना हो। हर किसी ने अपने अपने कैरक्टर को पुल किया है लेकिन रणबीर कपूर को इस फ़िल्म के लिए जरूर कोई ना कोई नैश्नल अवॉर्ड जरूर मिलना चाहिए। क्या वराइटी ऑफ इमोशन से खेला है ये एक्टर | Animal movie review in hindi

इस मूवी में हमें रणबीर कपूर के अलग अलग लुक्स देखने को मिलेंगे, जिसमें से हर एक लुक में इनके चेहरे का ग्लो एक दम बरकरार मिलेगा । अगर इस फ़िल्म की बात करें तो फ़िल्म भले ही 3:21 मिनट की हो लेकिन जीस तरह से इसका स्क्रीनप्ले लिखा गया है इसमें से एक भी सीन कट करने के लायक नहीं है। हर एक सीन बेहतरीन है | ( Animal movie review in hindi ) मूवी देखोगे आप तो खुद समझ जाओगे ऊपर से इसका इंटरवल सीन भाई साहब वो ऑलमोस्ट 15-20 मिनट का इंटरवल ब्लॉक आपको हमेशा याद रहेगा। ऊपर से बेकग्राउंड म्यूजिक है बेहतरीन है |

हर इमोशन को बड़ी बारीकी से अलग अलग तरह के म्यूसिक के साथ पिरोया गया है जिससे इस मूवी को देखने का एक्स्पीरियंस एक अलग लेवल पर चला जाता है | और यकीन मानो जब आप थिएटर से बाहर निकलोगे, आपके दिमाग में बस यही चलता रहेगा । और इस फ़िल्म की एक्शन कोरियोग्राफी भी बहुत बढ़िया की गई है। वाइअलन्स को एक अलग नाम मिल गया है, ऐनिमल ऐंड हाँ, मूवी स्टार्ट होने से पहले और खत्म होने तक थिएटर की सीट से उठने का नहीं है। बस ये ध्यान में रख लेना। मेरे कहने का मतलब ये है की मूवी का फर्स्ट सीन और लास्ट सीन मिस मत करना।

और हाँ, ये मुझे अलग से बताने की जरूरत नहीं है एनिमल मूवी ए रेटेड क्यों है। इसलिए नहीं कि इसमें एक्स्ट्रीम ऐडल्ट सीन या वैसे वाला कोई सीन है, Animal movie review in hindi इस मूवी में ना ही इसमें कुछ किस सीन्स है और ब्रूटल खून खराबा है। साथ ही कुछे ऐसे डाइलॉग ये जो ऐडल्ट लोग है वो अच्छे से समझ पाएंगे क्योंकि इस मूवी को देखने के बाद बच्चे या टीनेजर्स बहुत गलत तरीके से इन्फ्लुयेन्स हो सकते हैं।

तो अगर आप 18 से कम हो, तो नहीं देख सकते पर मुझे पता है कि तुम लोग फिर भी देख लोगे जैसे तैसे सो ओवरऑल साल के आखिरी महीने की शुरुआत इससे बेटर नहीं हो सकती थी। हाँ, मानता हूँ की मूवी छोटी होनी चाहिए थी। लेकिन अब वेब सिरीज़ का ज़माना है भाई कॉन्टेंट अच्छा हो तो लोग 2-3 सीज़न एक साथ निपटा देते हैं। ये तो बस 3.5 घंटे की मूवी है। Animal movie review in hindi जाओ देखो, एन्जॉय करो मेरी तरफ से मूवी को फ़ोर आउट ऑफ फाइव स्टार्स |

Why is Animal movie a rated

यदि आपकी उम्र 18 साल से कम है और आप एनिमल मूवीस को थिएटर मैं देखना चाहते हैं | पर यह मूवी ए रेटेड है तो इस कारण यह 18 साल से कम उम्र के लोगों के लिए नहीं है | मतलब इसको बच्चे नहीं दे सकते हैं | लेकिन आप जानना चाहते होंगे कि यह ए रेटेड क्यों है तो इसमें ज्यादातर सीन एडल्ट नहीं है और ना ही इसमें कोई ज्यादा किसिंग सीन है |

या मूवी ए रेटेड इसलिए इसमें ज्यादातर वायलेंस और खून खराबा दिखाया गया है | और कुछ ऐसे डायलॉग भी हैं जो सिर्फ एडल्ट लोगों के लिए हैं क्योंकि इस मूवी को देखने के बाद बच्चे और टीनेजर्स गलत तरीके से इनफ्लुएंस हो सकते हैं | इसलिए इस मूवी की ए रेटिंग रखी गई है |

Animal movie Review and story

ऐनिमल की कहानी तो रणबीर कपूर यानि रणविजय जो कि मूवी में बलबीर सिंह के बेटे हैं जो कि बचपन से ही अपने पापा के उनका बहोत प्यार होता वो उनको बहोत मानते है | उनके लिए एक ऑप्शन बन चूके हैं। बलबीर ने अपने बेटे को कंट्रोल करना चाहा। उसे सुधारने के लिए मगर वो सिर्फ खुद से उसे दूर ही कर सके ज्यादातर बोर्डिंग स्कूल, बोर्डिंग कॉलेज बाहर के देशों में रहना, सालों साल तक अपने बाप से बात न करना यही सिलसिला चलता रहा मगर फिर भी अपने बाप के लिए रणविजय का प्यार उसके दिल में कम नहीं हुआ।

वो खुद को हमेशा अल्फा कंसिडर करता था, रिस्पेक्ट कमांड करता था। फुल डोमिनेंस वाली मेंटालिटी रखता था। इस माइंडसेट के साथ उसने कई सारी चीजों को अचीव किया मगर अपने बाप को कभी नहीं जीत सका। जहाँ 1 दिन उसके बाप को गोली रखती है और वो दुनिया जलाने निकल पड़ता है, उसने सबको मार दिया। जिसने भी उसके पापा पे खरोच भी पहुंचाई थी।

जहाँ असली सच का पता तो तब चलता है की अबरार हक रणविजय के दूर का रिलेटिव हैं। जिसे बही भी माना जा सकता है, तो कोन है वो और उसने उसके पिता को गोली क्यों मारी आगे की कहानी में देखने को मिलता है |

Leave a Comment